Search This Blog

Wednesday, 28 October 2015

बिहार में भाजपा गठबंधन दो तिहाई बहुमत की ओर

बिहार चुनाव में भाजपा व नरेंद्र मोदी का पोस्टर

बिहार चुनाव २०१५ 
आज बिहार में मतदान के तीसरे चरण पूर्ण होने पर भाजपा गठबंधन राज्य में सरकार बनाने की दिशा में स्पष्ट रूप से आगे बढ़ती हुई दिख रही है. बिहार में  भाजपा गठबंधन ने अपने मुख्य चेहरे के रूप में प्रधानमंत्री मोदी को ही पेश किया है और उनके द्वारा किया गया प्रचार एवं उनकी छबि ही इस बढ़त में मुख्य कारण है।
भिन्न भिन्न एजेंसियों द्वारा स्वतंत्र रूप से किये गए आकलनों के अनुसार राज्य में बुधवार को मतदान के तीसरे चरण के बाद हवा भाजपा गठबंधन के पक्ष में हैं और यह गठबंधन आसानी से सरकार बनाने के लिए आवश्यक 122 सीटों के लक्ष्य को पार करेगा। जो लोग बारीकी से बिहार चुनाव पर नजर रख रहे हैं वे तथ्यों पर आधारित इस बात से अवश्य सहमत होंगे। 
बिहार में चल रहे चुनावों में दोनों पक्षों की ओर से अनेक मुद्दे उठाये गए और बुद्धिमत्ता पूर्ण कार्यशैली से भाजपा ने इस लड़ाई को पहले ही जीत लिया है।  
 अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा / राजग ने सीटों के चयन व टिकट वितरण के मामले में भी लाभ की स्थिति बना ली थी और चुनाव के सूक्ष्म प्रवंधन के मामले में तो यह विपक्ष से कोषों आगे है.   मोदी के मेगा रैलियों में अभी भी मतदाताओं की भारी भीड़ आकर्षित हो रही हैं, भाजपा / एनडीए का प्रयास है की उस क्षेत्र में हर घर तक मोदी की पहुंच बन जाए. 

प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सबको बिजली और सबको छत (घर) के आश्वासन का भी जबरदस्त असर है, लोग इस पर भरोसा भी करते हैं जबकि लालू- नितीश के वादे अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों के दौरान कल बिहार के युवाओं को एक नई दृष्टि दे दिया है. 

जमीनी हक़ीक़त ये भी है की काम उम्र के मतदाताओं में भाजपा के प्रति जबरदस्त रुझान है और जाति  आधारित विपक्ष की राजनीती के खिलाफ मोदी का यह धारदार हथियार है. चुनाव  के पहले दो चरणों में  महिला मतदान का उच्च प्रतिशत परिवर्तन का संकेत है,  लालू प्रसाद यादव की वापसी के भय से भी महिलाएं भाजपा नीत गठवन्धन की ऒर आकर्षित हो रही हैं

तीसरे चरण के चुनाव के बाद यह स्पष्ट हो गया है की भाजपा नीत गठवन्धन महागठवन्धन को परास्त कर स्पष्ट बहुमत से सरकार बना रही है, चौथे चरण का मतदान भाजपा के गढ़ में ही होने जा रहा है जो की इस बहुमत को और भी बड़ा कर देगा। यदि भाजपा गठबंधन राज्य में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाये तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं होगी। पूर्वी भारत को जीतने की दिशा में यह भाजपा का बड़ा कदम होगा। 

 ज्योति कोठारी 
संयोजक, जयपुर संभाग 
प्रभारी, पश्चिम बंगाल ,
नरेंद्र मोदी विचार मंच 

स्वच्छ भारत अभियान: बच्चों ने की फिर से सफाई



Tuesday, 13 October 2015

दाल के भाव, जनता, किसान और सरकार


विभिन्न प्रकार के दाल
दाल की बहार को भारतीय निहारते किसान 

दाल की खेती करते भारतीय निहारते किसान

दाल के भाव इन दिनों हर जगह चर्चा में है, भारत की सामान्य जनता इसके बढ़ते भाव को लेकर बेहद परेशान है और इसके लिए सम्पूर्ण विपक्ष मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है. परन्तु इसकी वास्तविकता क्या है यह जानना बेहद जरुरी है. भारत में मुख्य रूप से चना, तुअर, मूंग, मसूर, उड़द आदि दालों का उत्पादन होता है. 

भारत जैसे देश में दाल ही प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत है परन्तु दाल की प्रति व्यक्ति उपलव्धता कम है. स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत में प्रति व्यक्ति दाल की उपलव्धता ६० ग्राम थो जो की घट कर ८० के दसक में ५० ग्राम और २१ वी सदी के प्रारम्भ में मात्र ३५ ग्राम रह गई. इसका मुख्य कारन था कम पैदावार। भारत में दाल का उत्पादन १ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ा जबकि जनसँख्या २ प्रतिशत की दर से बढ़ती रही. पिछले कुछ वर्षों में आयत कर इस कमी को पूरा करने का प्रयास किया गया जिससे प्रति व्यक्ति खपत बढ़ कर पुनः ५० ग्राम के स्टार तक आ गई.

भारत एक उन्नतिशील देश है जिसकी अर्थ व्यवस्था विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थ व्यवस्था है, लोगों की आय एवं उसके साथ ही जीवन स्तर भी बढ़ रहा है. कुपोषण से बचने के लिए दाल एक सहज सुलभ माध्यम है, खास कर शाकाहारी लोगों के लिए यह प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत है. इस समय भारत में प्रति वर्ष लगभग २.४ करोड़ टन दाल की खपत होती है जिसे २ करोड़ टन के घरेलु उत्पादन, एवं ४० लाख टन आयात कर पूरा किया जाता है.

इस वर्ष ख़राब मानसून के कारन दाल के उत्पादन में कमी आई है, जिससे मांग एवं आपूर्ति के बीच खाई और गहरी हुई है. इस वर्ष विदेशों में भी उत्पादन काम हुआ जिससे आयातित दाल भी महंगा पड़ रहा है. इसी वजह से दाल के भाव आसमान छूने लगे हैं. हालाँकि आयात बढ़ा कर सरकार इसे नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है परन्तु भाव अभी तक काबू में नहीं आये हैं.

हमारा सुझाव है की मांग एवं आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए फौरी तौर पर आयात को और अधिक बढ़ाया जाये, जमाखोरी पर नियंत्रण लाया जाए और सब्सिडी दे कर भी इसके दाम को नियंत्रण में रखा जाये। समस्या के स्थाई समाधान के लिए दाल का समर्थन मूल्य बढ़ा कर किसानो को इसके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाये साथ ही उत्पादकता वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किया जाये। भारत दाल की उत्पादकता एवं उत्पादकता वृद्धि दर में विश्व के अनेक देशों से कोसों पीछे है, अतः एक टास्क फ़ोर्स बना कर युद्धस्तर पर इस काम को हाथ में लेना चाहिए।

दाल की उत्पादकता एवं वृद्धि दर के कुछ आंकड़े:

हमारे पड़ौसी देश म्यांमार में संन १९६१ में प्रति हेक्टेयर ४४२ किलोग्राम दाल पैदा होता था जो की २०१२ तक लगभग तीन गुना बढ़ कर १३२३ किलोग्राम हो गया. हमारे दूसरे पड़ौसी चीन ने भी इसी दौर में ८७६ किलो से इसे १४३६ किलो पर पंहुचा दिया। ब्राज़ील ६६८ से १०२७ पर पहुंच गया. पहले से ही उच्च उत्पादकता वाला देश कनाडा इसी अवधि में दाल की उत्पादकता को ११४१ किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़ा कर १८९२ किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के आंकड़े पर ले आया है. इन सब देशों के मुकाबले हमारी उत्पादकता की बानगी देखिये- ५१ वर्षों की अवधि में कछुआ चाल से चल कर हम ५४० किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ६४१ किलोग्राम पर पहुंचे हैं.

इस दयनीय स्थिति का कारण क्या है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? वर्त्तमान सरकार को दोष देनेवाले लोग क्या अपनी गिरेबान में झाँक कर देखेंगे? परन्तु यह समय दोषारोपण या आरोप प्रत्यारोपों का नहीं है सरकार के साथ हम सभी को मिल कर इस दिशा में काम करना होगा।

सरकार के काम एवं अपेक्षाएं:

उन्नत मान के वीज एवं तकनीक का अभाव, मौसम की अनियमितता, कीड़ों का प्रकोप आदि कारणों से हमारी उत्पादकता कम है. सिचाई के लिए पानी एवं बिजली की व्यवस्था एवं समय पर खाद की आपूर्ति भी दाल का उत्पादन बढ़ने में सहायक होगी।  इन सब उपायों से यदि हम हमारे उत्पादन दर को ८०० किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक भी पंहुचा सके तो हम दालों के मामले में आत्मनिर्भर हो सकेंगे और हमें आयत नहीं करना पड़ेगा। इससे जहाँ दालों का भाव नियंत्रण में रहेगा वहीँ किसानो को भी मुनाफा होगा और वे भी खुशहाल होंगे। इससे बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा (लगभग १५ हज़ार करोड़ रुपये या २.५ बिलियन डॉलर) की बचत भी होगी।

मोदी जी देश के ऐसे प्रधान मंत्री हैं जो देश की जनता के सर्वांगीण विकास के लिए कटिवद्ध हैं ऐसे में हम उनसे अपेक्षा रखते हैं की वर्त्तमान में भावों को नियंत्रित करने के लिए फौरी तौर पर जो कुछ किया जा सकता है करें और दूरगामी नीति के क्रियान्वयन से समस्या का स्थाई समाधान करें।

"डिजिटल इंडिया" एवं "मेक इन इंडिया" कार्यक्रमों के कारन देश में विदेशी निवेश बढ़ा है परन्तु कृषि हर चीज की बुनियाद है अतः सरकार इस क्षेत्र में निवेश बढ़ा कर और इच्छाशक्ति दिखा कर उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर सकती है.

चलते चलते: अभी तीन दिन पहले एक निजी मुलाक़ात में मैंने केंद्र सरकार में मंत्री श्री राज्यवर्धन सिंह राठोड को भी यह सुझाव दिया था एवं आदरणीय प्रधानमंत्री जी को अवगत करने के लिए कहा था.


ज्योति कोठारी 
संयोजक, जयपुर संभाग 
प्रभारी, पश्चिम बंगाल ,
नरेंद्र मोदी विचार मंच 


Thursday, 8 October 2015

Ravishankar inaugurated Hindu Spiritual and Service Fair in Jaipur



Ravishankar, Maitriprabhsagar at Hindu Spiritual and Service Fair, Jaipur
PP Ravishankar, Jagatguru and Maitriprabh Sagar
Spiritual Guru PP Ravishankar Ji (Art of Living fame) has inaugurated Hindu Spiritual and Service Fair, Jaipur organized by RSS, Rashtriya Swayamsevak Sangh. RSS have been organizing this fair at SMS Investment, ground, Rambagh Circle, Jaipur.

Several other Hindu, Jain, Buddhist and Sikh saints spoke in the inaugural ceremony beside, PP Ravishankar, the Chief Guest.  S Gurumurthy, Swadeshi Jagran Manch defined the purpose of this fair and told that the fair was started in Chennai in 2008. He added that above 1 million people visit the fair every year in Chennai and now this has come to the North India. Jaipur has become the gateway of north India. He described the purpose of this Hindu Spiritual and Service Fair.

Jagatguru Shankaracharya PP Sri Rajeshwarashram Ji Maharaj was the first to speak among all reverend saints followed by PP Sri Kaushalendra Prapannacharya Ji. PP Sinha Sahab Bhai Iqbal Singh Ji represented Sikh Dharm and told that warriors likes of Guru Govind Singh Ji and Tegbahadur ji saved Hindu religion by devoting their lives. Buddhist saint Vajradhara Twelth Chamgon Kenting Tal Situpa told that every soul is Buddha and one has to just unfold the qualities.

Dr. Krishnagopal, Saha-Sir-Karyavah, RSS told that Hindu offer selfless services without advertisement. Hence, most of the western thinkers perceive that Hindus are not philanthropists. However, the fact goes against the common belief.

Jain saint PP Maitriprabh Sagar Ji caught special attention while declaring his Anshan from December 6 against meet export. He told that cow is our mother and if the cattle die we will die.

A crowd of about 50, 00 people were listening attentively to the voices of these saints and intellectuals. PP Sri Ravishankar delighted the audience with his sweet voice and wonderful talk to end the ceremony.

The sponsors of the program felicitated all the saints present and other dignitaries on behalf of the organizing committee. Sri Gunwant Kothari, Sangh Pracharak and a member of the central committee, RSS, Rashtriya Swayamsevak Sangh is the main organizer of this Hindu Spiritual and Service Fair, Jaipur.

There is an exhibition with large numbers of stalls to depict Indian spirituality and services. This is a four days event from October 8 to 11. 

Convener, Jaipur division
Prabhari, West Bengal,


Art of Living, Dr. Krishnagopal, Gunwant Kothari, Hindu Spiritual and Service Fair, Jaipur, Maitriprabh Sagar, Rashtriya Swayamsevak Sangh, RSS, Spiritual Guru Ravishankar

Sunday, 4 October 2015

स्वच्छ भारत अभियान: बच्चों ने की फिर से सफाई


कूड़ा उठाता हुआ बच्चा  
बच्चों का समूह सफाई करते हुए 

एक जगह कचरा एकत्रित करता हुआ नन्हा बालक 
छोटी बच्चियों (लड़कियों) ने भी की सफाई 
"स्वच्छ भारत अभियान" के तहत जयपुर में बच्चों ने आज की फिर से सफाई। जयपुर के जौहरी बाजार इलाके के सोंथियों के मोहल्ले में नरेंद्र मोदी विचार मंच के तत्वावधान में स्थानीय बच्चों ने सफाई अभियान चला कर लोगों को जागृत किया। गौरतलब है की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित हो कर बच्चों ने गत वर्ष भी इसी समय सफाई अभियान चलाया था. सफाई के बाद बच्चों ने घर घर जा कर लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित भी किया था.

गत वर्ष के सफाई अभियान के १ महीने बाद बच्चों के माता पिता ने भी सफाई अभियान चलाया था और इसे बच्चों की ही प्रेरणा मन गया, इसके बाद सफाई के लिए एक मोहल्ला समिति भी गठित हुई जिससे मोहल्ले को साफ़ रखने में काफी मदद मिली.

इस घटना के कुछ दिनों बाद ही मोहल्ले के ही विकास कोठारी जयपुर नगर निगम के लिए पार्षद निर्वाचित हो गए. ये बच्चे उनके लिए भी प्रेरणास्रोत बन गए औए उन्होंने भी पुरे वार्ड ६६ को स्वच्छ रखने का संकल्प ले कर रात दिन सफाई अभियान में जुट गए. आज वार्ड ६६ जयपुर के स्वच्छतम वार्डों में से एक है.

आज के सफाई अभियान में बच्चों का नेतृत्व आदि शर्मा नाम के बालक ने किया। उसने सभी बच्चों को एकत्रित कर, उन्हें प्रेरणा देकर यह काम करवाया। इस काम में उसकी मददगार बानी श्रीमती ममता कोठारी। उन्होंने बताया की स्वच्छता के अभाव में गन्दगी के कारण होनेवाली बीमारी से हर वर्ष भारत में लाखों बच्चे डैम तोड़ देते हैं. यदि बच्चों में जाग्रति पैदा की जाये तो वे अपने माता-पिताओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेंगे और हर साल हज़ारों बच्चों की जान बच सकेगी। सफाई के प्रति जागरूकता पैदा करना हमारा लक्ष्य है.

नरेंद्र मोदी विचार मंच का मानना है की विकसित देशों की पंक्ति में शामिल होने के लिए भारत की तरक्की के साथ इसे स्वच्छ बनाना भी आवश्यक है. स्वच्छ भारत केवल मोदी जी या गांधी जी का ही सपना नहीं है बल्कि यह १२५ करोड़ भारतवासियों का पुनीत कर्तव्य है।  मोदी जी ने कहा था की हम भारतवासी स्वयं की सफाई के प्रति तो जागृत हैं परन्तु सार्वजनिक स्थानो के प्रति उदासीन हैं. हमें गलियों, रास्तों और सार्वजनिक स्थानो की स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखना होगा तभी हम एक जिम्मेदार नागरिक कहलाने के हक़दार होंगे।

हमने गंगा जैसी पवित्र नदी को भी गन्दा कर दिया है और अब समय आ गया है जब हम अपने नदियों, जलाशयों को स्वच्छ रखें। इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में होनेवाले खर्च भी कम होंगे और हमारी अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचेगा।  एक रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत की जीडीपी में ६.७ प्रतिशत का फायदा होगा और हमारी विश्व में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और तेज गति से आगे बढ़ेगी।

जिन बच्चों ने स्वच्छ भारत अभियान में भाग लिया:
१. आदि शर्मा
२. रानू सिंह
३. धूमिल गुर्जर
४. वैभव शर्मा
५. आयुष शर्मा
६. अंशु शर्मा
७. कनु शर्मा
८. ऋद्धि जैन
९. पलक जैन
१० प्रेरणा जैन

हमें विश्वास है की इस अभियान से भारत भी एक दिन सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, अमरीका और ब्रिटेन जैसे साफ़ सुथरे देशों की पंक्ति में जल्द ही खड़ा होगा।


Children inspired parents in Jaipur for cleaning after Diwali


Clean India campaign - Children ambassadors of Jaipur




ज्योति कोठारी 
संयोजक, जयपुर संभाग 
प्रभारी, पश्चिम बंगाल ,
नरेंद्र मोदी विचार मंच 







Children in Jaipur again cleaned their colony (Clean India Mission)


Aadi Sharma at Clean India Mission in Jaipur 

Girl children cleaning the street


Children in Jaipur again cleaned their colony (Sonthion Ka Mohalla, KGB Ka Rasta, Johri Bazar) under Clean India Mission.  Most of the children were below the age 10. They cleaned their colony last year that motivated their parents to clean. Finally, a committee was formed to keep the colony clean.

Few months later, Vikas Kothari, a resident of this colony elected as corporator in Jaipur municipal corporation and he started keeping his ward. And this ward, as a result, is one of the cleanest wards in Jaipur.

One year later, today, the children were again motivated to clean their colony and to start a campaign. Narendra Modi Vichar Manch organized the program and the children cleaned their colony in the presence of their corporator Vikas Kothari who announced certificates for all the children.

The children went to every household to bring awareness among the residents for cleanliness. Narendra Modi, our PM has urged every citizen of India, in his speech on October 2, to take cleanliness as a mission.  The children of Jaipur will work as ambassadors to this campaign.

Both male and female children of Jaipur took part in this campaign in their child leader Aadi Sharma (Sonu) S/O Deepak Sharma. Other children took part are

1. Ranu Singh
2. Dhumil Gujjar
3. Vaibhav Sharma
4. Aayush Sharma
5. Anshu Sharma
6. Kanu Sharma
7. Riddhi Jain
8. Palak Jain
9. Prerna Jain

We strongly believe that the will force of these children will bring awareness for cleanliness among the citizens of India and India will be as clean as Singapur, Japan, The US, The UK,  and South Korea.

We have to cultivate the habit of cleanliness among Indians,  especially community cleanliness. This will reduce cost on health issues. We have to keep our roads and public places clean. We have to keep our rivers and other water resources clean. It will be better if every Indian take is as a mission. This is not a mission of Narendra Modi nor the mission of Mahatma Gandhi but the mission of all of us.

Cleanliness can take us in the row of developed nations. This can save as much as of 6.7 percent of our GDP. Clean India Mission can add growth rate to our GDP too.


Children inspired parents in Jaipur for cleaning after Diwali


Clean India campaign - Children ambassadors of Jaipur




Jyoti Kothari
Convener, Jaipur division
Prabhari, West Bengal,
Narendra Modi Vichar Manch
  

Friday, 2 October 2015

क्या लाल बहादुर शास्त्री के मृत्यु का रहस्य अब खुलेगा?

प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री


माग्यार पोस्ता में जारी  लाल बहादुर शास्त्री पर डाक टिकट 


लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  

क्या भारत के दूसरे प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के मृत्यु का रहस्य अब खुलेगा? जी के मृत्यु का रहस्य अब खुलेगा? आज उनके जन्म दिवस पर भारत की जनता के जेहन में यह सवाल बार बार उभर कर आ रहा है. छोटे कद के इस विनम्र व्यक्ति ने बड़े कद के अहंकारी अयूब खान को १९६५ के भारत-पाक युद्ध में जिस प्रकार धूल चटाई थी, उसे पाकिस्तान आज भी नहीं भुला पाया है. इस युद्ध में भारत की सेना पाकिस्तान के लाहोर तक पहुँच कर उसे उसकी औकात बता दी थी.

युद्ध के बाद भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री व पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच रूस के तासकंद में समझौता हुआ, समझौते से शास्त्री जी बहुत खुस नहीं थे. परन्तु कौन जनता था की यह उनकी आखरी रात थी. वे दूसरे दिन काबुल के रस्ते भारत आने वाले थे परन्तु यहाँ उनका पार्थिव शरीर ही पहुँच पाया था.

कहा तो ये गया की दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हुई थी परन्तु उनके नीले पड़े शरीर ले कारन जहर के प्रयोग से इंकार नहीं किया जा सकता। उससे भी गंभीर बात ये है की उनके शरीर का कोई पोस्ट मॉर्टम भी नहीं कराया गया, न तासकंद में न ही भारत में. उनकी मृत्यु के बाद जब एक सांसद ने लोकसभा में इसे हत्या बता कर बयां दिया तब एक जाँच आयोग बैठाया गया परन्तु गवाही देने जाते वक्त उनके निजी सेवक रामलाल की वहां दुर्घटना में मृत्यु इस रहस्य को और गहरा कर देती है.

शक की सुई निश्चित रूप से तत्कालीन शासकों पर जाती है. लाल बहादुर शास्त्री के मृत्यु से संवंधित दस्तावेज भी आज तक रहस्यमय कारणों से आज तक सार्वजनिक नहीं किये गए. उनकी मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बानी और तबसे ले कर आज तक कॉंग्रेस् पार्टी केवल नेहरू-गांधी परिवार के गुणगान में लगी है. शास्त्री जी को कोंग्रेसी यदा कदा ही याद करते हैं जैसे वे अन्य किसी पार्टी के नेता हों।

अभी हाल ही में शास्त्री  जी के बेटे अनिल शास्त्री ने उनकी मृत्यु से संवंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग की है. आश्चर्य की बात ये है की अनिल शास्त्री कांग्रेस के बड़े नेता हैं एवं कई बार सांसद भी रह चुके हैं लेकिन कांग्रेस के राज में, सांसद रहते हुए उन्होंने ये मांग क्यों नहीं की?

 लाल बहादुर शास्त्री सच्चे अर्थों में गांधीवादी थे और उन्होंने सादगी एवं ईमानदारी की मिसाल कायम की साथ ही राजनैतिक जीवन में नैतिकता के उच्चतम मानदंडों को स्थापित किया।  रेल मंत्री रहते हुए एक मामूली सी दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से त्याग पात्र दे दिया था.

कौन सोच सकता है की देश के गृहमंत्री जैसे उच्चतम पद पर रहते हुए भी उन्हें अपना खर्च चलने के लिए अख़बारों में लेख लिखना पड़ता था और फिएट जैसे एक मामूली से कर खरीदने के लिए बैंक से सात हज़ार रुपये का क़र्ज़ लेना पड़ा था. १९६० में देश में आये अनाज संकट को देखते हुए उन्होंने एक समय का भोजन भी छोड़ दिया था. "जय जवान जय किसान" का उनका नारा इतना लोकप्रिय हुआ की लोग उसे आज भी याद करते हैं. मात्र १९ महीने का उनका छोटा सा कार्यकाल भारत की जनता के दिलों दिमाग में अमिट छाप छोड़ गया है.

आज २ अक्टूबर उनका जन्म दिन है और यह बापू का भी जन्म दिन है. बापू के सच्चे अनुयायी ने उन्हीके जन्मदिन पर जन्म लिया था. आज हम सभी भारतवासी उन्हें नमन करते हैं और आशा करते हैं की उनके मृत्यु पर से रहस्य का पर्दा जल्दी खुलेगा। कृतज्ञ राष्ट्र की उनके प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Jyoti Kothari
Convener, Jaipur division
Prabhari, West Bengal,
Narendra Modi Vichar Manch

चित्र सौजन्य:
१. By Viksb (Own work) [CC BY-SA 3.0 (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)], via Wikimedia Commons
२. By Darjac (Scanned by Darjac) [Public domain], via Wikimedia Commons
३. By Narendra Modi [CC BY-SA 2.0 (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/2.0)], via Wikimedia Commons




Thursday, 1 October 2015

मोदीराज में निवेश के लिए पहली पसंद बना भारत


India, China, US, UK and Mexico in FDi chart
मोदीराज में निवेश के लिए विश्व की पहली पसंद बना भारत

प्रतिस्पर्धी देशों की वैश्विक सूचि में भारत की सोलह स्थानो की बड़ी छलांग 

श्रमेव जयते

मोदीराज में निवेश के लिए विश्व की पहली पसंद बना भारत। जी हाँ, भारत अब निवेशकों के लिए पहली पसंद बन चूका है. चीन को पछाड़ कर इसी वर्ष भारत ने यह दर्ज़ा हासिल किया है.  भारत ने इस क्षेत्र में गत वर्ष के मुकाबले ४ स्थानो की लम्बी छलांग लगा कर पांचवें से पहले स्थान पर आ गया है. इस वर्ष जहां चीन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश २८ अरब डॉलर का रहा वहीँ भारत में यह रकम ३१ अरब डॉलर का है. आंकड़ों के लिहाज़ से यह चीन की अपेक्षा १० प्रतिशत ज्यादा है। गौरतलब है की अमेरिका को इस वर्ष २७ अरब डॉलर का विदेशी पूंजी निवेश मिला है.

हम सभी जानते हैं की पूरा विश्व इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है और निवेशक अपने धन की सलामती एवं वृद्धि के लिए बेचैन हैं. ऐसे समय में भारत उन्हें सर्वाधिक उपयुक्त स्थान लगता है जहाँ विकास एक मन्त्र बन चूका है. भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थ व्यवस्था है और इस देश का मुखिया अपने राष्ट्र को विश्व का सिरमौर बनाने के लिए बेताब है.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के प्रारम्भ से ही भारत की सकारात्मक छवि बनाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ी। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जहाँ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की पुरजोर कोशिश हुई वहीँ गुड गवर्नेंस के माध्यम से लोगो में विश्वास की वहाली की गई।

अपनी विदेश यात्राओं के माध्यम से जहाँ अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में भारत का पुरजोर पक्ष रख कर निवेश आकर्षित किया वहीँ तेल समृद्ध कड़ी के देशों में भी भारत का पक्ष मज़बूत किया. पड़ौसी देशों से अच्छे सम्वन्ध बनाना भी इसी कड़ी का एक अंग है.

"मेक इन इंडिया" अब महज एक नारा नहीं अपितु एक हक़ीक़त है और "श्रमेव जयते" व  "कौशल विकास कार्यक्रम" उसे गति देनेवाला पंख. निवेश से उत्पादन, उत्पादन से रोजगार और रोजगार से गरीबी उन्मूलन यह चक्र अब चलने लग गया है और यही आर्थिक मोर्चे पर अच्छे दिन की शुरुआत है. आनेवाले दिनों में यह गति और भी तेज भी होगी क्योंकि सिलिकॉन वैली में भी हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का डंका बज चूका है.

"डिजिटल इंडिया" कार्यक्रम में अब गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दुनिया की बड़ी कंपनियों को साथ लेने में मोदी सफल रहे हैं.  भारत के गांव गांव तक इंटरनेट पहुचाने की योजना है जिससे कंप्यूटर क्रांति के इस युग में भारत के ग्रामीण युवक को भी अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर मिल सकेगा।

इसी बीच प्रतिस्पर्धी देशों की वैश्विक सूचि में भी भारत ने एक साथ सोलह स्थानो की बड़ी छलांग लगाई है. एक ही वर्ष में भारत ७१ वें पायदान से ५५ वें पायदान पर पहुंच गया है और आशा है की अगले वॉश इस सूचि में भारत और भी ऊपर के पायदान में होगा। आर्थिक सुधारों का फायदा अब मिलने लगा है.

अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्रसंघ में हिंदी में दिए अपने भाषण में भारत के प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया की भारत के विकास का मॉडल पश्चिमी देशों जैसा नहीं होगा परन्तु उसका चेहरा मानवतावादी होगा। अपने भाषण में महात्मा गांधी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन को प्रधानता देते हुए पर्यावरणोन्मुखी सतत विकास की अपनी प्रतिवद्धता को उन्होंने वहां भी दोहराया है.

विगत दो वर्षों में हुए लगभग सभी (लोकसभा, विधानसभा एवं स्थानीय निकाय) चुनावों में जनता ने मोदी के नेतृत्व को स्वीकार किया है, उनके निर्विवाद नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है जो उनके सुशासन के प्रति जनता के विश्वास को दर्शाती है.

एक बार मोदी जी ने जहा था की भारत का पश्चिमी भाग विकसित हुआ है परन्तु पूर्वी भाग विकास की दौड़ में पिछड़ रहा है. देश के सर्वांगीण विकास के लिए यह स्थिति अच्छी नहीं है एवं भारत के पूर्वी हिस्से के के लिए लोग मोदी जी की और आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं. विकसित अथवा विकासशील स्थान पर निवेश होता है और निवेश पुनः विकास करता है इस प्रकार विकास का पहिया निरंतर गतिमान होता है.

अभी कुछ ही दिनों में देश के एक महत्वपूर्ण पूर्वी हिस्से बिहार में चुनाव होने जा रहा है और वहां की जनता भी उम्मीद कर रही है की भारतीय जनता पार्टी का शासन आएगा और अच्छे दिन लाएगा।  निवेश हमेशा भरोसे से मिलता है "जंगल राज" में कोई भी निवेश नहीं करता।  भाजपा ने अपने सुशासन में बिहार में निवेशकों के भरोसे को बढ़ने का आश्वासन दिया है जिससे बिहार का भी विकास हो सके.

Suggestions to PMO 4: Focus on the top and the bottom of Indian population


Jyoti Kothari
Convener, Jaipur division
Prabhari, West Bengal,
Narendra Modi Vichar Manch

फोटो सौजन्य : www.facebook.com/PMOIndia