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Saturday, 27 September 2014

Speech of Narendra Modi at UN General assembly



Indian Prime Minister Narendra Modi has been visiting New York in America where he delivered speech at UN General assembly today. He delivered his maiden speech at UN in Hindi, National language of India. Main features of his speech are as follows:

1. The United Nations Organization, UNO will enter in its 70th year of establishment the next year. The world has changed since its establishing.  The working of UN needs radical change. The UN have to be democratized. Participation of even smallest countries in decision making process is required.

2. Why do we go with G-1 or G -7 or G - 20 when we have UNO. There should be G -all.

3. We have to focus on those who don't have facilities of drinking water and sanitation. We have to think of homeless people living in the earth.

4. The UN is not an appropriate forum to raise Kashmir issue. We are ready for bilateral talk with Pakistan in a terrorist free environment. (Answering to Nawaz Sharif, Pakistan PM).

5. There should be no war in the seas and oceans, space and cyber space.

6 He pledged for universal brotherhood and sustainable development, philosophy of India.

7. He urged for declaring a global day for Yoga.

8. He urged for action taking organization for fighting global terrorism. He told that all the countries by and large are affected with terrorism.

Make in India Made in India

Jyoti Kothari

Convener, Jaipur division
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Narendra Modi Vichar Manch

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Sunday, 14 September 2014

नरेंद्र मोदी, सेना, अलगाववादी एवं जम्मू कश्मीर में बाढ सहायता


Prime Minister Modi at a meeting in Jammu and Kashmir to assess flood situation
नरेंद्र मोदी - जम्मू कश्मीर में बाढ की स्थति पर उच्चस्तरीय वार्ता
७ सितम्बर २०१४ 
(By Narendra Modi [CC-BY-SA-2.0 (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/2.0)], via Wikimedia Commons)

नरेंद्र मोदी एवं जम्मू कश्मीर में बाढ की स्थिति बेहद ख़राब है. ११३ वर्षों में इस राज्य में ऐसी हालत हुई है। पुरे राज्य विशेष कर घाटी की हालत नाजुक है. लाखों लोग बढ़ की चपेट में आये हैं और काम से काम चार लाख लोगों को बाहर निकलने की आवश्यकता थी।  हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जापान यात्रा से वापस लौटते ही स्वयं कश्मीर गए एवं वहां की स्थिति का जायजा लिया।

अपनी कार्यशैली के अनुरूप ही उन्होंने तत्काल राज्य को एक हज़ार करोड़ की सहायता राशि का ऐलान किया। इतना ही नहीं तत्काल ही भारतीय थलसेना, वायुसेना यहाँ तक की नौसेना को भी पीड़ितों की सहायता के लिए नियुक्त कर दिया। भारतीय सेना के ये जांबाज भी तत्काल मुस्तैदी के साथ राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए.

सेना के इन जवानो ने अब तक एक लाख तीस हज़ार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानो तक पंहुचा दिया है।  इसके लिए वासी सेना के हेलीकॉप्टरों का भी उपयोग किया जा रहा है।  चार सौ से अधिक्  हेलीकोप्टर इस काम में रात दिन लगे हुए हैं.  लोगों को बचने के आलावा ये रहत सामग्री भी गिरा रहे हैं. सेना के साथ साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी कश्मीरियों की सहायता के लिए घर घर जा कर धन संग्रह कर रहा है एवं रहत कार्य में जूट गया है।

भारत सरकार एवं गुजरात सहित अन्य प्रांतीय सरकारों ने सहायता के रूप में भोजन सामग्री, कम्बल आदि भेजे हैं उन्हें सेना के जवानो द्वारा जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है. मोदी जी के निर्देश पर सेना द्वारा किये जा रहे इस कार्य की भूरि भूरि प्रसंशा हो रही है. मोदी जी के घोर विरोधी दिग्विजय सिंह जैसे कोंग्रेसी नेता एवं अरविन्द केजरीवाल जैसे  भी उनकी प्रशंषा के लिए मज़बूर हो गए हैं।  हमेशा उन्हें मुसलमानो का विरोधी बताने वालों के मुह में भी ताला लग गया है. गौरतलब है की कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य है जहाँ से हमेशा अलगाववादी स्वर उठते रहते हैं.

हमेशा सेना एवं भारत सरकार के विरोध में बोलनेवाले पाकिस्तान परस्त हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, जे के एल ऍफ़ जैसे अलगाववादी एवं आतंकवादी संगठन कश्मीरियों को सहायता पहुचने में कही दूर दूर तक नज़र नहीं आ रहे हैं.

आज कश्मीरियों को समझ में आ रहा है की ये भावनाएं भड़काने लोग उनके सच्छे हितैषी नहीं हैं वल्कि नरेंद्र मोदी एवं सेना जिनके खिलाफ हमेशा उन्हें भड़काया जाता रहा है, वे ही मुसीबत के समय एक सच्चे दोस्त की तरह उनके काम आ रहे हैं. हालाँकि अभी भी सेना के जवानो पर पत्थर फेंकने से वे बाज नहीं आ रहे हैं  ने स्पष्ट कर दिया है की इन शरारती तत्वों के कारन वे रहत कार्य बंद नहीं करेंगे एवं पीड़ित कश्मीरियों को सहायता करते रहेंगे।

इस वीच बारात सरकार की संस्था एयर इंडिया ने वहां फंसे सैलानियों को बहार लाने के लिए मुफ्त सेवा  का ऐलान कर दिया है एवं VSNL ने सात दिन तक मुफ्त मोबाइल सेवा देने की घोषणा की है. भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट कर समर्थकों से उनका जन्मदिन समारोह नहीं मानाने की अपील की है. उन्होंने कहा है की समारोह में व्यय होनेवाले धन एवं समय को बाढ़ पीड़ितों की सहायता में लगाया जाये।

नमामि गंगे, वाराणसी

प्रधान मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के सौ दिन

मैं भारत का प्रधान सेवक बोल रहा हूँ : लालकिले से नरेंद्र मोदी

Jyoti Kothari

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Wednesday, 3 September 2014

नमामि गंगे, वाराणसी



पिछले १०-१२ दिनो से   (२१ अगस्त से ३१ अगस्त, २०१४) मैं वाराणसी था. लगभग ४०-४५ वर्षों के बाद फिर से इस पुण्यभूमि में जाने का अवसर मिला था।  इतने वर्षों में भी वहां विशेष बदलाव नहीं आया. वहां के मंदिर, पवित्र गंगा और पुरानी गलियों में कोई खास बदलाव नहीं आया है।  गंगा जरूर बहुत मैली हुई है. इस दौरान गंगा आरती देखने दशाश्वमेध घाट गया, आरती का दृश्य नयनाभिराम था परन्तु घाट में व्याप्त गन्दगी मन को खिन्न कर रही थी. आसपास खड़े सफाई पसंद विदेशियों से नज़ारे मिलाना कठिन हो रहा था.

नरेंद्र मोदी ने प्रधान मंत्री बनते ही गंगा की सफाई को अपनी प्राथमिकता बनाया है जिससे उम्मीद की किरण जागती है. वाराणसी उनका चुनाव क्षेत्र भी है. अभी उनकी जापान यात्रा के दौरान वाराणसी को जापानी शहर क्योटो के तर्ज़ पर विकसित करने की चर्चा भी सामने आई.

गंगा के लिए अलग मंत्रालय एवं नमामि गंगे परियोजना से मोदी ने अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी है. लोक जागरण एवं जन भागीदारी इस परियोजना का महत्वपूर्ण पक्ष है. वाराणसी के विभिन्न धार्मिक समुदायों, ट्रस्टों, मंदिरों आदि की भागीदारी से यह कार्य सुगमता से किया जा सकता है।  बनारस के घाटों का विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। घाटों के विकास के लिए पहले ही १०० करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा चूका है।

चन्द्रावती (चंद्रपुरी) बनारस का एक सुन्दर एवं ऐतिहासिक स्थल है. सारनाथ से यह करीब १५ की मी की दुरी पर स्थित है. यहाँ ८ वें जैन तीर्थंकर श्री चंदप्रभु भगवन के चार कल्याणक होने से यह प्रसिद्द जैन तीर्थ है जहाँ बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री विश्व भए से आते रहते हैं. यहाँ गंगा के किनारे मनोरम स्थल पर एक प्राचीन  श्वेताम्बर जैन मंदिर अवस्थित है. जैन समाज इस तीर्थ के विकास में रूचि रखता है एवं इस पर आवश्यक धन खर्च करने को इच्छुक है।  जैन समाज की धार्मिक रूचि को देखते हुए इसमें धन की कमी नहीं आएगी।

यह तीर्थ पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण है.सं १९१२ में यहाँ के टीलों के भग्नावशेष में ७ ताम्रपत्र मिले थे, जो अब लखनऊ के संग्रहालय में रखे हैं. इनमे से एक ताम्रपत्र के अनुसार गहड़वाल शासक चन्द्रदेव (१०८५-११००) ने चन्द्रावती स्थित मंदिर को भूमि का दान किया था. …… ( वाराणसी के जैन तीर्थ एवं मंदिर, लेखक: ललित चन्द जैन)

इस तीर्थ के विकास में सबसे बड़ी समस्या गंगा का कटाव है, यहाँ गंगा अर्ध चंद्राकर बहती है, जो विशिष्ट सौन्दर्य को जन्म देती है परन्तु यही कटाव का कारन भी है. सन १९४८ में यहाँ के जैन मंदिर परिसर में स्थित जैन दादाबाड़ी गंगा के कटाव का शिकार बनी थी. वर्त्तमान मंदिर बिलकुल गंगा के किनारे पर है एवं यह ऐतिहासिक धरोहर खतरे में है.

मेरा मोदी जी के नेतृत्व की केंद्र सरकार से निवेदन है की इस घाट के संरक्षण में रूचि दिखाए एवं जैन समाज तीर्थ एवं मंदिर का विकास करे. इस प्रकार यह जन भागीदारी का सुन्दर उदाहरण बनेगा। तीर्थ का विकास होने से धार्मिक पर्यटन में वृद्धि होगी, गंगा का कटाव रुकेगा एवं गंगा परियोजना की सार्थकता भी दिखेगी।

मैंने स्वयं इस स्थल को देखा एवं अनुमानित आकलन ये है की करीब ७५० फुट लम्बाई एवं ६५ फुट की ऊंचाई वाले इस गंगा तट के संरक्षण की महती आवश्यकता है. इस मंदिर के पास ही भारतीय पुरातत्व विभाग के कब्जे की जमीन है जिसमे खुदाई होने पर इस ऐतिहासिक धरोहर में पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं प्राप्त होने की सम्भावना है. एक पुराण कुवा इसकी ऐतिहासिकता के साक्ष्य के रूप में अभी दृष्टिगोचर होता है.

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Tuesday, 2 September 2014

प्रधान मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के सौ दिन


प्रधान मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के सौ दिन पुरे हो गए. अच्छे दिन लाने के वादे के साथ मोदी ने अपना कार्यभार संभाला था, अब वो सपने सच्चे लगने लगे हैं.  आज पुरे दिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिआ इन सौ दिनों पर चर्चा में व्यस्त दिखा। जहाँ देश की अधिकांश जनता इन सौ दिनों के काम काज से खुश है वहीँ कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार की आलोचना करते दिखी।

एक रायशुमारी के अनुसार मोदी ने प्रधान मंत्री के रूप में प्रधान मंत्री कायर्यालय की विश्वसनीयता पफिर से कायम की है. उन्हें एक निर्णय लेने की क्षमता वाले नायक के रूप में देखा जा रहा है. िेएक में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी हो या नेपाल एवं भूटान जैसे पड़ौसी देशों से सम्वन्ध हों मोदी ने अपनी छाप हर जगह छोड़ी है.

देश के आर्थिक विकास एवं समृद्धि का सुचल शेयर बाजार कुलांचे भर रहा है एवं आज सेंसेक्स २७००० अंकों के भी पार जा पहुंचा जो की अब तक का सर्वाधिक है. काला धन विदेशों से वापस लाने के मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के काम काज से अपनी संतुष्टि प्रगट की है. देश तीव्र आर्थिक विकास के पथ पर बढ़ना शुरू हो गया है.

प्रधान मंत्री जन धन योजना में एक ही दिन में २ करोड़ से अधिक बैंक खाते खुलवाये गए जो की एक रेकॉर्ड है. भ्रष्टाचार काम होने के स्पष्ट संकेत हैं. महंगाई के मोर्चे पर अभी वांछित सफलता नहीं मिली है परन्तु शीग्र ही उस पर भी काबू पा लिया जायेगा ऐसी उम्मीद है.

प्रधान मंत्री अभी जापान में हैं एवं जापान के साथ निवेश समझौते से दो लाख करोड़ रुपये के निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

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