संयुक्त राष्ट्रसंघ महासचिव ने आज पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. पाकिस्तान ने कश्मीर का अपना पुराना राग अलापते हुए तीन दिन पूर्व कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्रसंघ महासचिव से दखल देने की मांग करते हुए पात्र लिखा था. सभी जानते हैं की शिमला समझौते के बाद ये बात बेमानी हो छुइ है परन्तु पाकिस्तान इस मुद्दे के अंतर्राष्ट्रीयकरण की अपनी कुचेष्टा से बाज नहीं आ रहा है.
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के अधिवेशन में भी ये मुद्दा उठाया था परन्तु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस विषय पर कोई ध्यान नहीं दिया। उसी अधिवेशन में पाकिस्तान को जवाब देते हुए भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था की भारत पाकिस्तान से द्विपक्षीय वार्ता के लिए तैयार है परन्तु उसके पहले उसे आतंकवाद को समर्थन देना बंद करना पड़ेगा। नरेंद्र मोदी को अपनी अमरीका यात्रा के समय अभूतपूर्व समर्थन मिला एवं उनका भव्य स्वागत हुआ था.
इन सबसे बौखला कर एवं हज़ारों आतंकवादियों को भारत की सीमा में प्रवेश करने की नीयत से पाकिस्तान ने युद्धविराम का घोर उल्लंघन करते हुए भारतीय सीमा पर भरी गोलीबारी करनी प्रारम्भ कर दी. जब पाकिस्तान ने ये कुकृत्य २ - ३ दिन तक जारी रखा एवं चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ तब भारत सरकार ने अपनी सेना के जवानो को खुली छूट दे दी व पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने को कहा.
भारतीय सेना एवं सीमा सुरक्षा वलों के जवानो की एक ही दिन की जवाबी कार्यवाही से पाकिस्तानी रेंजरों एवं सेना का मनोवल पस्त हो गया और तब चोरी और सीनाजोरी करते हुए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्रसंघ महासचिव से उलटे भारत के खिलाफ ही युद्धविराम उल्लंघन की शिकायत कर दी.
लेकिन संयुक्त राष्ट्रसंघ ने पाकिस्तान की इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया एवं भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की ही सलाह दी. राष्ट्रसंघ महासचिव के अनुसार यह द्विपक्षीय मुद्दा है एवं इसे उसी प्रकार सुलझाना चाहिए। अब पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए की उसकी झूठ अब नहीं चलनेवाली.
पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ उठनेवाली आवाज को भी अब वो दबा नहीं सकता। बेहतर होगा पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज आए व भारत के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहना सिख ले. उत्तेजक बयानों एवं आतंकवाद के पोषण की उसकी नीति से उसे ही नुकसान हो रहा है एवं आगे भी होने वाला है. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति गर्त में चली गई है एवं उसका और पतन सुनिश्चित है. भारत विरोध की नीति का त्याग कर ही वह आगे बढ़ सकता है यह बात उसे जितनी जल्दी समझ में आये उतना ही उसके लिए अच्छा है.
महाराष्ट्र चुनाव - उद्धव ठाकरे घुटने के वल झुके
Jyoti Kothari
Convener, Jaipur division
Prabhari, West Bengal,
Narendra Modi Vichar Manch
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