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Sunday, 4 December 2016

भारत में नोटबंदी को व्यापक जनसमर्थन


भारत में नोटबंदी को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा हैप्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम की देश-विदेश में सभी जगह सराहना हो रही है. विरोधी दल बौखलाहट में ऊलजलूल वक्तव्य दे रहे हैं और संसद को ठप कर देश का बेसकीमती धन और समय बर्बाद कर रहे हैं. कोंग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों का भारत बंद का आह्वान निष्फल हो गया और उन्हें कहीं भी जनसमर्थन नहीं मिल पाया। देश की जनता प्रधान मंत्री के इस फैसले के साथ पूरी तरह कड़ी है और विरोधी दलों को अपनी राजनैतिक जमीन खिसकते हुए दिख रही है. 




देश की जनता को भरोसा है की नरेंद्र मोदी कालेधन को जड़ से समाप्त करने के लिए कटिवद्ध हैं और कालेधन को अपने हथियार बनाने वाले राजनैतिक दलों को वो सबक सीखना चाहती है. राजनैतिक दलों में भी सबसे ज्यादा बौखलाहट आम आदमी पार्टी (अरविन्द केजरीवाल), तृणमूल कोंग्रेस(ममता बनर्जी), बहुजन समाज पार्टी (मायावती) में देखी जा सकती है. वामदलों ने तो बौखलाहट में भारत बंद का ही आह्वान कर डाला जो किसी भी प्रकार से सफल नहीं रहा. केवल केरल, जहाँ उनकी सत्ता है वहां इसे कुछ सफलता मिली। कोंग्रेस पार्टी का तो और भी बुरा हाल है, उसे समझ ही नहीं आ रहा की नोटबंदी के इस कदम का समर्थन करे या विरोध! 




पांच सौ और हज़ार के नोट बंद करने के फैसले के अगले दिन से ही नोटबंदी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा प्रारम्भ की थी और इससे होनेवाले फायदों से लोगों को अवगत कराना शुरू किया था. अब तक इन लेखों को हज़ारों लोगों ने पढ़ा है और सोसल मिडिया में शेयर भी किया है. अभी आगे भी इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाती रहेगी। 

कृपया इन लेखों को पढ़ें और अपने विचारों से अवगत कराएं। 
५००, १००० के नोट बंद होने का भारत की अर्थनीति पे असर

जाली नोट होंगे बाहर, घटेगा कालाधन: नोट बंद होने का असर

नोट बंद होने का असर: जनधन व अन्य बैंक खातों में बढ़ेगा लेनदेन

नोटबंदी से घटेगी मुद्रास्फीति और महंगाई

नोटबंदी से जमीन जायदादों की कीमत और कम होगी

नोटबंदी से नशाबंदी, सट्टे के कारोबार पे रोक


सादर,
संयोजक, जयपुर संभाग,
प्रभारी, पश्चिम बंगाल,
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