षड़यंत्र: चुनाव के समय भारत पर विदेशी टिप्पणियां
अनेक विदेशी शक्तियां भारत के विरुद्ध लगातार षड़यंत्र कर रही है. अमरीका, कनाडा, जर्मनी, .... ये सभी भारत के आन्तरिक मामलों में बेतुकी टिपण्णी कर रहे हैं, झूठे आरोप भी लगा रहे हैं. यूरोपीय एवं अमरीकी एजेंसियां भुखमरी या Happiness इंडेक्स के माध्यम से भारत को घेरने की कोशिश कर रही है. ऐसा विशेषकर लोकसभा चुनाव के समय किया जा रहा है जिससे नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया जा सके.
नरेंद्र मोदी, भाजपा और कमल निशान |
यह स्वाभाविक भी है और विभिन्न राष्ट्रों की विदेश निति एवं कूटनीति का एक प्रमुख भाग है. हर देश अपने राष्ट्रहित को सुरक्षित रखने, बढ़ाने एवं अन्य देशों को कमजोर करने की रणनीति पर काम करती है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार अपने राष्ट्रहित को आगे रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती है. पश्चिमी देशों- यूरोप और अमरीका ने पिछले तीन चार सौ वर्षों तक औपनिवेशिक शासन के माध्यम से दुनिया पर राज किया है. इसलिए उनकी ऐसी आदत हो गई है की एसिया और अफ़्रीकी देशों के साथ वे गुलामों जैसा व्यवहार करें. लेकिन 21 वीं सदी में एशियन देशों खासकर भारत का उभर कर आना उन्हें पच नहीं रहा. 2014 के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है.
भारत की अर्थव्यवस्था पिछले 10 वर्षों में ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व में 12 वें से 5 वें पायदान पर आ गई है और तीन चार वर्षों में ही तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगी. ऐसा करते हुए उसने इटली, ग्रेट ब्रिटेन, फ़्रांस, जैसी शक्तिशाली यूरोपीय देशों को पछाड़ा है और आनेवाले कुछ ही वर्षों में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़नेवाली है.
पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्बोधन |
आर्थिक महाशक्ति बनने के साथ साथ भारत की सैन्य शक्ति में भी भरी बढ़ोतरी हुई है. राफेल, S-400, पिनाका, स्वदेशी तेजस और AMCA ने भारत की वायुशक्ति को कई गुना बढ़ा दिया है. ब्रह्मोस और अग्नि 5 मिसाइल, स्वदेशी BMD, LRSAM, SAMAR २ जैसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम अमरीका, रूस, चीन जैसे देशों के लिए भी ईर्ष्या का विषय बन चुके हैं. विश्व का सर्वाधिक हथियार आयातक देश से भारत अब हथियार निर्यात में अमरीका, रूस, चीन, फ़्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों को टक्कर देने के लिए तैयार हो रहा है. पूर्व की भारतीय सरकारें बहुत जल्दी वैश्विक दवाव में आ जाती थी लेकिन नरेंद्र मोदी ने उनसे आँख से आँख मिला कर बात करना शूरू किया. इसमें विदेशमंत्री एस जयशंकर ने भारत की कूटनीति में बड़ी भूमिका निभाई. चाहे रूस से तेल खरीदना हो या S-400, भारत ने अमरीकी प्रतिबंधों की परवाह नहीं की.
अग्नि 5 मिसाइल |
इन सब कारणों से अमरीका एवं अन्य शक्तिशाली पश्चिमी देश नहीं चाहते की भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार तीसरी बार चुन कर आये. उन्हें चाहिए कठपुतली सरकार जो उनके इशारे पे काम करे. भारत की ताकत बढ़ने से चीन एवं पाकिस्तान को भी भरी नुकसान हुआ है और वो भी नरेंद्र मोदी नीट भाजपा के स्थान पर भारत के केंद्र में एक कमजोर गठबंधन की सरकार देखना चाहते हैं जो उनके इशारों पर काम करे और उनके दबाव के आगे झुक जाये.
अभी हाल ही में ED द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की शराब घोटाला मामले में गिरफ़्तारी के बाद जर्मनी के राजदूत ने अनावश्यक टिपण्णी की. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा तालाब करने के बाद जर्मनी के सुर ढीले पड़े ही थे की अमरीकी राजदूत ने एक पत्रकार के प्रश्न के जवाब में वैसी ही टिपण्णी कर दी. हालाँकि भारत ने उन्हें भी बुलाकर 40 मिनट तक अच्छे से खरी खोटी सुनाई और भारत के आन्तरिक मामलों से दूर रहने की सलाह दी. इसके बाबजूद अगले ही दिन अमरीका के अधिकारीयों ने अमरीका में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयकर विभाग द्वारा कॉंग्रेस पर की गई कार्यवाही पर अनावश्यक टिपण्णी की.
German Embassy to India Georg Enzweiler |
निज्जर मामले में भारत के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाने के बाद भारत के जवाब एवं कार्यवाही से घबरा कर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो बैकफुट पर चले गए थे लेकिन अभी माहौल देखकर उन्होंने भी इस मामले को फिर से सुलगाना शुरू कर दिया है. वैसे ये बात तय है की भारत की जनता ने अपना मन बना लिया है और इन सभी विदेशी टिप्पणियों के बाबजूद इस बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है और NDA अबकी बार चार सौ पार!!
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