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Saturday, 1 October 2016

पाक आतंकी मसूद अज़हर के समर्थक चीन का हो बहिष्कार


 चीन ने संयुक्त राष्ट्र संघ में फिर से पाक आतंकी मसूद अज़हर का पक्ष लिया है. मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आतंकवादी घोषित करवाने के लिए भारत ने जो प्रक्रिया शुरू की थी आज चीन ने उस पर वीटो कर दिया जिससे यह प्रस्ताव पास नहीं हो सका. अब हमें चीन में निर्मित सामानों के बहिष्कार के लिए आगे आना होगा।

आतंकवादी मसूद अज़हर 
चीन ने ऐसी हरकतें पहले भी की है. इसी वर्ष जून महीने में चीन ने भारत की NSG सदस्यता के मुद्दे पर भी अड़ंगा लगाया था और भारत की सदस्यता के रस्ते में रोड़ा अटकाया था. चीन के अलावा सभी देश भारत के NSG सदस्यता पक्ष में थे. परंतु चीन के विरोध के कारण भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह का सदस्य नहीं बन पाया था.

पठानकोट एवं उरी में हुए आतंकी हमले के भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाया एवं इस काम में भारत को अभूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला।  भारत के पडोसी देशों सहित विश्वभर के देशों ने भारत के रुख  समर्थन किया एवं पाकिस्तान अलग थलग पड़ने लग गया है. इस बीच भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक करके ७ आतंकवादी कैम्पों को नष्ट कर और लगभग ५० आतंकवादियों को मर कर पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों का करार जवाब दिया है. इससे पाकिस्तान की सेना, हुक्मरान, एवं आतंकवादी बौखला गए हैं.

अमरीका, ब्रिटेन, रूस जैसे प्रमुख देशों ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ गंभीर चेतावनी दी है. अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान एवं श्रीलंका जैसे भारत के पड़ौसी देशों ने भारत का साथ देते हुए पाकिस्तान में होनेवाले SAARC सम्मलेन का बहिष्कार किया है. जब सारी दुनिया भारत का समर्थन एवं पाकिस्तान व आतंकवाद के खिलाफ खड़ी है तब भी चीन ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में आतंकवादी मसूद अज़हर का पक्ष लिया है और उसे आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव का विरोध किया है. चीन की ऐसी भारत विरोधी रुख का कड़ा जवाब देना जरुरी है.दरअसल चीन इस क्षेत्र में महाशक्ति की तरह व्यव्हार कर रहा है और भारत का लगातार शक्तिशाली होना उसे कतई पसंद नहीं आ रहा है. इसीलिए वो लगातार भारत का विरोध और पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है.

Update: अभी एक समाचार और मिला है की चीन ने ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का पानी रोक दिया है जिससे तिब्बत से भारत की ओर आने वाले पानी में कमी हो जाएगी। ऐसा करके भी चीन पाकिस्तान को ही मदद पंहुचा रहा है क्योंकि आतंकवादी हमलों के वीच भारत ने सिंधु नदी जल समझौते की समीक्षा करना प्रारम्भ कर दिया है और इससे पाकिस्तान दवाव में है.

चीनी निर्यात 
China Export Treemap from MIT-Harvard Economic Observatory By R Hausmann, Cesar Hidalgo, et. al. Creative Commons Attribution-Share alike 3.0 Unported license. See permission to share at //atlas.media.mit.edu/about/permissions/ [CC BY-SA 3.0 (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)], via Wikimedia Commons

चीन को सबक सीखने के लिए यह जरुरी है की उसे आर्थिक मोर्चे पर मात दी जाये। लगातार दो दशक तक तीव्र आर्थिक विकास के बाद अब उसकी अर्थनीति ढलान पर है और चीन कई प्रकार की आर्थिक समस्यायों से जूझ रहा है. निर्यात आधारित उसकी अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी के कारन घोर संकट में है. भारत चीनी सामान का बड़ा बाज़ार है और वह यहाँ पर अरबों डॉलर का निर्यात करता है. जबकि भारत से उसका आयात तुलनात्मक रूप से काफी काम है. विश्व व्यापर संगठन के नियमों के अनुसार भारत चीन से आयात पर प्रतिवंध नहीं लगा सकता। इसलिए यहाँ के राष्ट्र भक्त नागरिकों को ही यह कदम उठाना पड़ेगा और चीनी सामान का बहिष्कार करना होगा।

यदि भारत के लोग चीनी सामान खरीदने से इनकार कर दें तो इससे चीन की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगेगा और उसकी आर्थिक तरक्की रुक जाएगी। मंदी की मार झेल रहे चीन के लिए यह झटका सहन करना आसान नहीं होगा और उसे अपनी भारत विरोधी हरकतों से बाज आना पड़ेगा। इससे उसकी पाकिस्तान परस्त नीति को भी जोरदार झटका लगेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मौसी एवं उनकी सर्कार ने पाकिस्तान को धूल भी चटाया है और उसे करार झटका भी दिया है. अब हम राष्ट्र भक्त भारतीयों को पाकिस्तान के दोस्त चीन को सबक सीखना चाहिए. मोदी जी ने जो करना था कर दिया और आगे भी करते रहेंगे, अब हमारी बारी है की हम चीनी उत्पादों का बहिष्कार करें और चीन को सबक सिखाएं, ध्यान रखें भारत को आगे बढ़ने के लिए चीन को सबक सीखाना जरुरी है.

विशेष आग्रह
अभी नवरात्री और दीवाली हैं, चीन 3000 करोड़ की लाइट बेचती हैं. अपील है की कोई न खरीदे।

२ अक्टूबर गाँधीजी व शास्त्री जी के के जन्मदिन पर यह प्रतिज्ञा करे कि स्वदेशी अपनाएंगे। चीन को करारा जवाब देंगे।
विशेष सूचना

आज कल चीन के सामान पर Made in China नहीं लिखा होता है.  अब लिखा आता है,  Made in PRC मतलब People Republic of China.  सभी से शेयर करे. चीनी सामान का बहिष्कार करें।

आइये हम सब मिलकर राष्ट्रधर्म निभाएं!

सादर,
ज्योति कोठारी,
संयोजक, जयपुर संभाग,
प्रभारी, पश्चिम बंगाल,
नरेंद्र मोदी विचार मंच



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